सूर्य ग्रह

सूर्य ग्रह
जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह अशुभ हो जाए तो जातक को अत्‍यंत प्रयास करने के बाद भी अपने कार्यों में सफलता हासिल नहीं हो पाती है। नौकरी और करियर या बिजनेस में तरक्‍की पाने के लिए तो सूर्य का शुभ होना अत्‍यंत जरूरी है। 

सूर्य को अनुकूल

कुंडली में सूर्य का प्रभाव
यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य शुभ प्रभाव दे रहा है तो व्‍यक्‍ति आत्‍मविश्‍वासी बनता है और समाज को एक नई दिशा देता है। वहीं अगर सूर्य अशुभ स्‍थान में बैठा हो तो जातक निराशा की ओर चलने लगता है और उसे हड्डी से संबंधित रोग से ग्रस्‍त होकर ही अपना पूरा जीवन काटना  पड़ता है।

1.पहले भाव में सूर्य 
पहले भाव में बैठकर सूर्य अशुभ फल दे रहा हो तो उस व्‍यक्‍ति को अपने जीवन में सत्‍य का साथ देना चाहिए। सूर्य योग के लिए अपनी आय का एक हिस्‍सा जरूरतमंदों की सहायता में खर्च करें। इससे जातक के जीवन के कष्‍ट कम हो जाएंगे।

2.दूसरे भाव में सूर्य 
जन्‍मकुंडली के दूसरे भाव में सूर्य अशुभ प्रभाव दे तो जातक को झगड़ालू बनाता है और अपनी तीखी बातों से अपना पतन कर लेता है। जाता को अपनी वाणी पर नियं‍त्रण रखना चाहिए। धार्मिक स्‍थलों पर दान और सदाचार का पालन करना चाहिए।

3.तृतीय भाव मे सूर्य 
तृतीय भाव में सूर्य की उपस्थिति जातक की आय में वृद्धि करता है। वहीं अगर कोई व्‍यक्‍ति अन्‍याय सहता है  तो उसका सूर्य कमज़ोर बनता है। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद पाकर और तीर्थयात्रा के ज़रिए  जन्म कुंडली में सूर्य को अनुकूल बनाया जा सकता है।

4.चतुर्थ भाव में सूर्य 
इस भाव में सूर्य व्‍यक्‍ति को अपने जन्‍मस्‍थान से दूर ले जाता है। इस भाव में बैठे सूर्य को अनुकूल करने के लिए किसी नेत्रहीन व्‍यक्‍ति को 43 दिन तक भोज करवाएं और जातक को तांबे का सिक्‍का गले में धारण करवाएं।

5.पंचम भाव मे सूर्य 
जन्‍मकुंडली के इस घर में सूर्य का अशुभ प्रभाव जातक की संतान के लिए होता है। इन्‍हें पेट से संबंधित परेशानी रहती है। जातक को लाल मुंह वाले बंदरों को गुड़-चना खिलाना चाहिए। रोज़ सूर्य देव को अर्घ्‍य देना चाहिए।

6.छठे भाव में सूर्य 
इस भाव में सूर्य व्‍यक्‍ति को जिसका कोई शत्रु न हो बनाता है। रात को सिरहाने पानी रखकर सोएं। पिता के साथ मधुर संबंध बनाए जिससे जातक के आय में भी वृद्धि होगी। चांदी की वस्‍तु अपने पास रखें।

7.सप्‍तम भाव में सूर्य
इस भाव में बैठे सूर्य का शुभ प्रभाव पाने के लिए खाने में जातक नमक का प्रयोग कम करें। काली या बिना सींग वाली गाय की सेवा करें और भोजन करने से पूर्व रोटी का एक टुकड़ा रसोई की आग में डालें।

8.अष्‍टम में सूर्य 
जातक अपने घर में सफेद रंग का कपड़ा ना रखें। किसी भी नए काम की शुरुआत से पहले मीठा खाकर पानी पीएं। बहती नदी में गुड प्रवाहित करें।

9.नवम भाव मे सूर्य 
उपहार या दान में कभी भी चांदी की वस्‍तु ना लें। चांदी की वस्‍तुएं दान करें। क्रोध से बचें और वाणी में मधुरता लाएं।

10.दशम भाव  मे सूर्य 
इस भाव में सूर्य का शुभ प्रभाव पाने के लिए काले और नीले रंग के कपड़े ना पहनें। किसी बहती नदी में 43 दिन तक तांबे का सिक्‍का प्रवाहित करें। मांस-मदिरा के सेवन से बचें।

11.ग्यारवे भाव में सूर्य
 मांस और मदिरा के सेवन से बचना चाहिए। रात को सोते समय अपने सिरहाने बादाम या मूली रखकर सोएं। दूसरे दिन इन चीज़ों को मंदिर में दान कर दें।

12. बारहवें भाव में सूर्य 
अपने घर में एक आंगन जरूर बनाएं। धर्म का पालन करें। दूसरों की गलतियों के क्षमा कर दें। सूर्य की शांति के लिए सूर्य यंत्र की स्‍थापना अपने घर या ऑफिस में करें

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