Posts

Showing posts from September, 2023

शुक्र के प्रत्येक भाव पर दृष्टि

शुक्र के प्रत्येक भाव पर दृष्टि प्रथम भाव पर:- लग्न भाव को शुक्र यद पूर्ण दृष्टि से देखता है तो जातक सुन्दर, शौकीन स्वभाव का, अवैध सम्बन्धो में विश्वास करने वाला, सजा- सजा साफ स्वच्छ रहने वाला, भाग्यशाली के साथ चतुर व बातूनी भी होता है। द्वितीय भाव पर:- धन भाव पर शुक्र की दृष्टि से जातक अपनी वाणी से सबकोवश में करने वाला, आर्थिक रूप से सक्षम व पारिवारिक सुख भोगने वाला, नित्य नये मार्ग से धनार्जन करने में अग्रणी, अपनी वाणी से सबको मोहित करने में प्रवीण, परिश्रमी तथा भोग विलास में लीन रहने वाला होता है तृतीय भाव पर:-  इस भाव पर शुक्र की दृष्टि जातक को शासन करने में अर्थात आज के समयानुसार अपने अधीन लोगों को सन्तुष्ट करने में कुशल, शीघ्रपतनन अल्पवीर्य रोगी, अधिक भाई -बहिन वाला होता है। ऐसे जातक का 26 वर्ष के बाद ही भाग्योदय होता है। मेरे अनुभव के अनुसार ऐसा जातक सब कुछ होते हुए भी कम ही सुख भोगता है। वह किसी न किसी कारण से भौतिक सुख-सुविधा को अधिक पसन्द नहीं करता है। चतुर्थ भाव पर:-  इस भाव पर शुक्र की दृष्टि से जातक को समस्त प्रकार का सुख प्राप्त होता है जिसमे यदि इस भाव का स्वामी भी बलवान

शुक्र के प्रत्येक भाव पर दृष्टि

शुक्र के प्रत्येक भाव पर दृष्टि प्रथम भाव पर:- लग्न भाव को शुक्र यद पूर्ण दृष्टि से देखता है तो जातक सुन्दर, शौकीन स्वभाव का, अवैध सम्बन्धो में विश्वास करने वाला, सजा- सजा साफ स्वच्छ रहने वाला, भाग्यशाली के साथ चतुर व बातूनी भी होता है। द्वितीय भाव पर:- धन भाव पर शुक्र की दृष्टि से जातक अपनी वाणी से सबकोवश में करने वाला, आर्थिक रूप से सक्षम व पारिवारिक सुख भोगने वाला, नित्य नये मार्ग से धनार्जन करने में अग्रणी, अपनी वाणी से सबको मोहित करने में प्रवीण, परिश्रमी तथा भोग विलास में लीन रहने वाला होता है तृतीय भाव पर:-  इस भाव पर शुक्र की दृष्टि जातक को शासन करने में अर्थात आज के समयानुसार अपने अधीन लोगों को सन्तुष्ट करने में कुशल, शीघ्रपतनन अल्पवीर्य रोगी, अधिक भाई -बहिन वाला होता है। ऐसे जातक का 26 वर्ष के बाद ही भाग्योदय होता है। मेरे अनुभव के अनुसार ऐसा जातक सब कुछ होते हुए भी कम ही सुख भोगता है। वह किसी न किसी कारण से भौतिक सुख-सुविधा को अधिक पसन्द नहीं करता है। चतुर्थ भाव पर:-  इस भाव पर शुक्र की दृष्टि से जातक को समस्त प्रकार का सुख प्राप्त होता है जिसमे यदि इस भाव का स्वामी भी बलवान

तिल

राम राम, चेहरे के तिल कितने शुभ होते है और क्या इनका प्रभाव होता है:- * बाएं नेत्र की भौहों के पास तिल होने पर व्यक्ति एकांतवासी और सादाजीवन जीने वाला होता है। * जिन के दाहिने कान के पास तिल होता है, वे व्यक्ति साहसी होते है।  * जिन लोगों के ललाट की दाहिनी कनपटी पर तिल होता है, वे समृद्धशाली तथा सुखपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं। *जिस की दाहिनी नासिका की ओर तिल हो वह व्यक्ति धनवान, सुखी और सफल होता है। * दाहिनी आंख के नीचे तिल होने पर व्यक्ति समृद्धशाली और सुखी होता है। * ऊपर के होंठ पर तिल का चिन्ह हो तो व्यक्ति विलासी स्वभाव का होता है। * जिन लोगों की ठुड्डी पर तिल होता है। वे अपने काम में ही मगन  रहते हैं। * गर्दन पर तिल होना व्यक्ति के बुद्धिमान होने का प्रतीक है। * जिन लोगों के बाएं गाल पर तिल होता है, उनका गृहस्थ जीवन सुखमय रहता हैं। *दाहिने गाल पर तिल का चिन्ह हो, तो ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान तथा उन्नति वाला होता है। *बाएं कान के ऊपरी सिरे पर तिल का चिन्ह हो तो व्यक्ति दीर्घायु होता है।  • दाहिनी कान के ऊपरी सिरे पर तिल का चिन्ह हो तो व्यक्ति के सरल स्वभाव और पूर्ण उन्नति करने का प्रतीक

गणेश जी को कभी विदा नहीं करना चाहिए 💐

💐 गणेश जी को कभी विदा नहीं करना चाहिए 💐 क्योंकि विघ्न हरता ही अगर विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हरेगा। क्या कभी सोचा है गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्यों? अधिकतर लोग एक दूसरे की देखा देखी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, और 3 या 5 या 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी करेंगे। आप सब से निवेदन है कि आप गणपति की स्थापना करें पर विसर्जन नही विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता हैं क्योंकि गणपति वहाँ एक मेहमान बनकर गये थे, वहाँ लाल बाग के राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश जी को अपने यहाँ बुलाया और कुछ दिन वहाँ रहने का आग्रह किया था, जितने दिन गणेश जी वहां रहे उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि वहीँ रही , इनके रहने से लाल बाग धन धान्य से परिपूर्ण हो गया, तो कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया यही पूजन गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। अब रही बात देश की अन्य स्थानों की तो गणेश जी हमारे घर के मालिक हैं और घर के मालिक को कभी विदा नही करते वहीं अगर हम गणपति जी का विसर्जन करते हैं तो उनके साथ लक्ष्मी जी व रिद्धि सिद्धि भी चली ज

गणेश चतुर्थी

भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी के दिन भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन गणपति की स्थापना करके गणेशोत्सव मनाया जाता है। आओ जानते हैं प्रथम पूज्य देव गणेशजी की पत्नियों के बारे में 9 रोचक बातें।   1. गणेशजी की पत्नियां : गणेशजी की ऋद्धि और सिद्धि नामक दो पत्नियां हैं, जो प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं।  2. ऋद्धि और सिद्धि के पुत्र और पौत्र : सिद्धि से 'क्षेम' और ऋद्धि से 'लाभ' नाम के 2 पुत्र हुए। लोक-परंपरा में इन्हें ही 'शुभ-लाभ' कहा जाता है। तुष्टि और पुष्टि इनकी बहुएं हैं। इनके के पोते आमोद और प्रमोद हैं। संतोषी माता को गणेशजी की पुत्री कहा गया है। 3. ऋद्धि और सिद्धि का विवाह : पौराणिक कथाओं में जिस तरह शिव-पार्वती विवाह, विष्णु-लक्ष्मी विवाह, राम-सीता विवाह और रुक्मणी-कृष्ण विवाह जितने प्रसिद्ध और चर्चित है उसी तरह गणेशजी का ऋद्धि और सिद्धि के साथ विवाह की चर्चा भी सभी पुराणों में रोचक तरीके से मिलती है। 4. इस कारण हुआ था विवाह : कहते हैं कि तुलसी के विवाह प्रस्ताव को ठुकराने से तुलसी के श्राप के कारण गणेशजी को रिद्धि और सिद्धि से विवाह करना पड़ा था

चंद्र राहु

#moon in astrology ज्योतिष में चंद्र Combinations of Moon with other Planets चंद्र की अन्य ग्रहों के साथ युतियां 1. Moon+Rahu चंद्र जैसे ही राहु के साथ हों तो... अग्नि तत्व भावों में हों तो गर्म पानी के भाफ़ का तूफान मानें, जैसे:  लग्न में बने तो शरीर पर फफोले पड़ना, मास या स्किन का लटक जाना, मस्सा या दाने जैसे निकलना जैसे गर्म पानी से जले हों...  जातक अपने धन और दौलत का नाजायज फायदा दूसरों को बिगाड़ने और परेशान करने या दिखाने के लिए खर्च करता जाता है.. जातक का धन जातक के कपड़ों पर, निवास और सैर के साथ साथ निजी आराम के लिए खर्च करेगा.. या तो घर बार बार बदलेगा या तुड़वा कर घर का एलिवेशन बार बार खड़ा करेगा.. If moon+rahu in 5th House जातक अपने ही मन के अंदर के भरम से परेशान रहेगा, उसके अंदर भविष्य को लेकर बड़ी चिंताएं सताने लगती हैं जिससे उसका वर्तमान खराब होने लगता है... जातक वहम का शिकार हो सकता है या अधिक धन दौलत होते हुए भी उपभोग करने योग्य धन नही आपके लिए यदि चंद्र के साथ राहु है पंचम पर तो आपका पेट नही भरेगा और क्षण में ही भूख दोबारा लग जाया करेगी, पर राहू का प्रभाव कितना क्रूर है