राहु केतु
👉🏼जन्म कुंडली मे ज़ब राहु आपको धन देने लगे जैसे की आप किसी फर्म मे काम कर रहे है और ओ फर्म लोगो के कुछ काम को ऊपर लेकिन जाने वाली हो तो ओ लोग आपसे जुड़ना सुरु होंगे आपको अधिक से अधिक लालच देना सुरु करेंगे और आप जो ज्यादा कमिशन देरा हो उसका काम कर रहे है मतलब की चारो तरफ से पैंसा आरा हो आप भोग कर रहे उसका तोह तब समझना चाइये की केतु आपकी एक गलती का इंतजार कर रहाँ है असल राहु का दिया धन का व्यक्ति खुद नी भोगता ओ जो पैंसा लेता है उससे बीवी, माँ, बच्चों, भाई के नाम पे किसी न किसी रूप रखता है मतलब उसे राहु सिर्फ हाथ मे आये धन का सुख देता है असल का सुख ओ दूसरे के नाम कर देता है और ज़ब केतु का गुप्त रूप से सुरु होता है तोह लोग गुप्त रूप से ही आपको दुबाने की तैयार बैठे होते है जिनमे आपका अपना भी शामिल होगा अब काम भी जाता है इज्जत भी.. जो धन आपने जिसके नाम पे जिसको दिया है जरा मांग के देखो कुछ नी मिलेगा कोई मदद नहीं करेगा आपको अपने दिए पैसे भिकारी की तरह माँगने पड़ेंगे तब भी नी मिलेंगे न बीवी देगी न माँ न भाई, अजीब है न ये यही केतु का असर है राहु ने तोह दे के छोड़ दिया, अब मारा मारा फिरके न काम मिलता है जल्दी न कुछ,, यही एक बात राहु देता है छीनता भी है पर असल मे केतु का काम है छीन के लेना.. इसलिये जन्म कुंडली मे राहु ज़ब देरा हो तोह केतु शनि मंगल को मज़बूत रखना होता है ताकि जो आये आपके पास रहे.. लेकिन असल मे राहु ज़ब अनैतिक धन देरा हो तोह सूर्य से छुपाना पड़ता है यानी सरकार से तो इसी डर से ओ औरो के नाम करता है लेकिन राहु ने अगर सूर्य को कमजोर कर रखा हो तोह उसकी बुद्धि बहुत तेज़ी से उस धन का विस्तार अपनों से दूर कहीं करता है. लेकिन उनका बुध, शुक्र मज़बूत हो तभी ऐसा सम्भव है.. केतु से पीड़ित व्यक्ति को अपना धन कभी किसी के नाम नी करना चाइये अपने बुढ़ापे के लिए गुप्त रूप से जोड़ता जाय क्यूंकि उनके बुढ़ापे मे औलादे साथ नी देती... अपना धन, जमीन, काम, किसी के नाम करने से पहले सोचना चाइये.. केतु ख़राब वाला जितना जिसको देगा जितना जिसका भला करेगा आखिर मे गालिया ही खायेगा.. उसका कोई साथ नी देता है इसलिये केतु बोलता है की मुझे साथ रख दूसरी तरफ ध्यान मत दे अपनी तरफ रखोगे तोह पूरी उम्र कमी नी होंगी..
👉🏼किसी भी समस्या के लिए संपर्क कर सकते है 🙏🏼
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