पंचम भाव.. _--------------और उसकी ऊर्जा का बहाव

_______🌺    पंचम भाव.. 
_--------------और उसकी ऊर्जा का बहाव
_______🌺5th House 🏠 
_-------------and it's Energy Flow💡⚡💨

खाना no 5 हमारे पूर्व जन्म के पुण्यों का है..
और पूर्व जन्मों की किस प्रकार की विद्वता/कला/ज्ञान या विद्या... संस्कार के रूप में जो इस जन्म में आपके आत्म में व्याप्त हैं वो राशि और वहां बैठे ग्रहों के अनुसार गुण धारण आपके अंदर ही इस जीवन में प्रकाशित होगी...

प्रकाशित होगी यह उम्र के पांचवें वर्ष में भी और जब आप शिक्षा के अच्छे स्तर पर होंगे तब यह खाना जागता है जब आप विद्यार्थी जीवन 10+2 के बाद शुरू करते हैं...

यह जागता है जब आप कोई कला या विद्या सीख रहे हों... किसी गुरु या गुरुजनों के निर्देश में, 

यह भाव तक जागता है जब आपके अंदर पत्नी या साथी के प्रति वो प्रेम भाव उमड़ता है जिससे संतान उत्पत्ति की जा सके 

जब संतान प्राप्त हो जाती है उस समय भी यह भाव जागता है

और जब जब यह भाव जागेगा आपके पूर्व जन्म के पुण्य आपको सपोर्ट करने आए हैं ऐसा निश्चित होता है...

परंतु... 5th भाव अपनी ऊर्जा जब खोलता है तो उसका सीधा असर नवम भाव में जाकर मिलता है यानी सीधा जातक के भाग्य में।।।

अगर 9 में कोई ग्रह बैठा है तो ही पंचम भाव का पूर्ण फल आपके जीवन में मिल पाता है
वहीं राहु और बुध अगर 9 में हैं तो यह भी संभव है कि पंचम पर कोई राहु और बुध का शत्रु हो तो यह लोग 5 के ग्रह की ऊर्जा को यहां 9 में accept यानी रिसीव ही नहीं करते जिससे जातक के पुण्य का फल जातक के भाग्य में सपोर्ट नहीं कर पाता

परंतु अगर खाना no 9 में ग्रह न हुआ तो घबराने की इतनी।भी जरूरत नहीं है 

पंचम का फल खाना no 3 के जरिए होकर भी 9 और खाना no 11 में जा सकता है

इसको ऐसे समझें

खाना no 5 गुरु का स्थान विद्यालय

और खाना no 3 बच्चों की क्लासरूम

जब भी खाना no 3 में कोई ग्रह और 5 में कोई ग्रह होगा तो ऐसा माना जाएगा कि 5 वाला टीचर है और वो 3 में बैठे ग्रह क्लासरूम में पढ़ने आए बालक के जैसे होंगे

यानी 5 पढ़ाएगा 3 को।
इसका मतलब 
5 मतलब आपके पूर्व जन्म के अभ्यास

आपके खाना no 3 यानी इस जन्म की प्रैक्टिस और हैंड स्किल्स के अंदर उस पूर्व जन्म के ज्ञान से पॉलिश करेगा आपके स्किल्स को मास्टर बनाना चाहेगा

जिससे आप पराक्रम कर के अपना भाग्य यानी 9 और कमाई यानी 11 को बढ़ा सकें

जब पंचम में कोई ग्रह नहीं होगा तो गुरु और सूर्य की समीक्षा कर के खासकर गुरु की स्थिति से पूर्व जन्म के पुण्य कहां..? कैसे...? और कब हमको फलीभूत होंगे इसका पता लगाया जा सकता है

अगर 5 में ग्रह हों और 9 और 3 खाली हो तो पंचम के ग्रह का ज्ञान और उसकी कुशलता केवल आपके अंदर कैद वाली स्थिति में रहेगी आप उसका प्रयोग और उपयोग नहीं कर पाओगे पर अगर अंदर झांकने या अंतर्मुखी/introvert स्वभाव के हैं तो आपका जितना अच्छा ग्रह 5 में होगा उतना ही आप अंदर ही अंदर आनन्दित रहोगे।

3rd--------------> 11th 
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 5th--------------->9th 

पंचमेश अगर कहीं किसी ग्रह के साथ बैठा है या किसी खराब 6, 8, 12 में होता है तो आपके पूर्व जन्म के पुण्य को इन खराब स्थान के संघर्ष में लड़ने में खर्च कर देता है।

अगर पंचमेश के साथ लग्नेश हो तो जातक को पूर्व जन्म का बल और सपोर्ट हमेशा मिलता रहता है।

5th lord अगर नीच राशि का है यानी पूर्व जन्म के पुण्य का फल मिलना बहुत न्यून है क्योंकि शायद यह इशारा है कि वो पूर्व जन्म के पुण्य वाला थैला या तो ज्यादा फल ले कर नहीं आ पाया है या असमर्थ है बहुत अच्छा बैकअप सपोर्ट देने में.. हमें संभल कर अपने पुण्य क्षीण करने चाहिए यह इशारा होगा..

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