सूर्य ग्रह
सूर्य ग्रह जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह अशुभ हो जाए तो जातक को अत्यंत प्रयास करने के बाद भी अपने कार्यों में सफलता हासिल नहीं हो पाती है। नौकरी और करियर या बिजनेस में तरक्की पाने के लिए तो सूर्य का शुभ होना अत्यंत जरूरी है। सूर्य को अनुकूल कुंडली में सूर्य का प्रभाव यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य शुभ प्रभाव दे रहा है तो व्यक्ति आत्मविश्वासी बनता है और समाज को एक नई दिशा देता है। वहीं अगर सूर्य अशुभ स्थान में बैठा हो तो जातक निराशा की ओर चलने लगता है और उसे हड्डी से संबंधित रोग से ग्रस्त होकर ही अपना पूरा जीवन काटना पड़ता है। 1.पहले भाव में सूर्य पहले भाव में बैठकर सूर्य अशुभ फल दे रहा हो तो उस व्यक्ति को अपने जीवन में सत्य का साथ देना चाहिए। सूर्य योग के लिए अपनी आय का एक हिस्सा जरूरतमंदों की सहायता में खर्च करें। इससे जातक के जीवन के कष्ट कम हो जाएंगे। 2.दूसरे भाव में सूर्य जन्मकुंडली के दूसरे भाव में सूर्य अशुभ प्रभाव दे तो जातक को झगड़ालू बनाता है और अपनी तीखी बातों से अपना पतन कर लेता है। जाता को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। धार्मिक...