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Showing posts from August, 2019
एक लडका और एक लडकी एक-दुसरे से बुहूत ज्यादा प्यार करते थे. प्रेम-दिवस के दिन दोनो एक पार्टी मेँ गये हूये थे वहॉ उन्हौनैँ खुब डान्स किया और इन्जोय किया. पार्टी के बाद जब घर जाने का समय आया तो लडके ने लडकी को प्रपोज किया. लडकी बुहुत प्यार करती थी इसलिऐ उसने हाँ कह दिया सारे दौस्तौ ने खुशी से ताली बजाई इस तरह उन दोनौ का किस्सा अब प्यार की शक्ल ले चुका था लेकिन वक्त को शायद उन दोनौ कि खुशी मन्जुर नही थी. जब वो दोनो वापिस घर लौट रहे थे तो लडका 100 किलोमीटर कि रफ्तार से बाईक चला रहा था. उसकी रफ्तार देख कर लडकी घबरा गई और उसने रफ्तार कम करने के लिये कहने लगी. लेकिन लडके ने रफ्तार कम नही की. रात के समय मेँ बाईक तेज रफ्तार से जा रही थी. लडकी- मैँ कहती हुँ, बाईक की रफ्तार कम करो. मुझे डर लग रहा है. इतनी तेज क्युँ चला रहे हो? लडका- नहीँ, नहीँ मुझे तो मजा आ रहा है. लडकी- तुमहेँ मजा आ रहा हैँ, मेरी जान निकली जा रही है. लडका- तो फिर कहो कि तुम मुझसे प्यार करती हो. लडकी- अभी तो कहा था सबके सामने. लडका- फिर कहो मुझे तुम्हारे मुँह से I Love You सु
એક નોકરી કરતી માં.... કેટલું મુશ્કેલ છે એક માં માટે તેના નાના એવા બાળક ને સૂતું મૂકી,રડતું મૂકી ને ઘર ની બહાર નીકળવું ને પોતાની જોબ પર જવું? આ મુશ્કેલી એક માં જ સમજી શકે.... મારી સાથે જોબ કરતી માં રિધ્ધિ, કોમલ, ક્રિષ્ના બેન બધા ને જોય આ વિચાર આવ્યો  છે..... બાળક જાગે ને મમ્મી, મમ્મી કરે ,થોડી વાર રોવે,ને જ્યારે મમ્મી નહીં દેખાય એટલે ચૂપચાપ દાદી પાસે જતું રહેશે ,ને આ બાળક સમય ની પહેલા જ પરિપકવ ને જવાબદાર બની જાય છે... પણ માં પોતાના પરિપકવ બાળક ની આખો વાંચી ને ખુદ ને કહે છે કે હજી આની ઉંમર જ શું છે?   ત્યારે એમ થાય કે ખબર નથી પડતી કે એક માં આટલી હીમમ્ત ને આટલી મમતા ,આટલી તાકાત આવતી ક્યાં થી હશે ? કોઈ ને કાંઈ  કહે  નહીં  ,બસ આંખો ભરાય આવે છે ને તેમાં જ ડૂબતી રહે છે....ને ખુદ ને કન્ટ્રોલ કરી ને એ ભરેલી આંખો ને સુકવી લે છે... જોબ ની સાથે સાથે ઘર, પરિવાર ,સબંધ, વહેવાર પણ સાંભળવાનો.... બાળકો ના લન્ચબોક્સ થી લઇ ને પતિ ના કપડાં સુધી, બ્રેકફાસ્ટં થી લઈ ડિનર સુધી , કામવાળી થી લઈ ધોબી સુધી, વાહન ભટકાય જાય તેટલી હદે ઝડપ થી ચલાવે કે તે ઓફીસ મોડી ન પડે, પતિ ના મૂડ ને સંભાળવા થી લઈ સાચવવા ન
एक  नगर  में  एक  मशहूर  चित्रकार  रहता था । चित्रकार  ने  एक  बहुत  सुन्दर तस्वीर  बनाई और उसे  नगर  के  चौराहे  मे  लगा  दिया और   नीचे  लिख  दिया  कि  जिस किसी  को , जहाँ  भी   इस में  कमी  नजर  आये  वह  वहाँ  निशान  लगा  दे । जब  उसने  शाम  को  तस्वीर देखी   उसकी  पूरी  तस्वीर  पर  निशानों  से  ख़राब  हो  चुकी थी । यह  देख  वह  बहुत  दुखी हुआ । उसे कुछ  समझ  नहीं  आ  रहा  था  कि  अब  क्या  करे  वह  दुःखी  बैठा  हुआ  था  । तभी  उसका एक मित्र  वहाँ  से  गुजरा  उसने  उस  के  दुःखी होने  का  कारण  पूछा  तो  उसने  उसे  पूरी  घटना बताई ।   उसने कहा  एक  काम  करो कल दूसरी  तस्वीर  बनाना  और  उस मे  लिखना  कि जिस  किसी  को  इस  तस्वीर  मे जहाँ  कहीं  भी कोई  कमी  नजर  आये  उसे  सही  कर  दे  ।    उसने  अगले  दिन  यही  किया  ।  शाम  को  जब उसने  अपनी  तस्वीर  देखी  तो  उसने  देखा  की  तस्वीर  पर  किसी  ने  कुछ  नहीं  किया ।                                                                               वह  संसार  की रीति  समझ गया ।   "कमी  निकालना ,  निंदा  करना ,   बुराई  क
*🌱भक्ति में विश्वास🌱* 🌿कृष्ण भोजन के लिए बैठे थे। एक दो कौर मुँह में लेते ही अचानक उठ खड़े हुए। बड़ी व्यग्रता से द्वार की तरफ भागे, फिर लौट आए उदास और भोजन करने लगे।           🍂रुक्मणी ने पूछा," प्रभु,थाली छोड़कर इतनी तेजी से क्यों गये ? और इतनी उदासी लेकर क्यों लौट आये?"           🍃कृष्ण ने कहा, " मेरा एक प्यारा राजधानी से गुजर रहा है। नंगा फ़कीर है। इकतारे पर मेरे नाम की धुन बजाते हुए मस्ती में झूमते चला जा रहा है। लोग उसे पागल समझकर उसकी खिल्ली उड़ा रहे हैं। उस पर पत्थर फेंक रहे हैं। और वो है कि मेरा ही गुणगान किए जा रहा है। उसके माथे से खून टपक रहा है। वह असहाय है, इसलिए दौड़ना पड़ा "            "🥀 तो फिर लौट क्यों आये?" 🌺कृष्ण बोले, " मैं द्वार तक पहुँचा ही था कि उसने इकतारा नीचे फेंक दिया और पत्थर हाथ में उठा लिया। अब वह खुद ही उत्तर देने में तत्पर हो गया है। उसे अब मेरी जरूरत न रही। जरा रूक जाता, *मेरे ऊपर पूर्ण विश्वास रखता तो मैं पहुँच गया होता* ☘यही पर आकर हम अपने भगवान् पर विश्वास खो देते है।भगवान् जरा सी परीक्षा लेते है और हम धैर्य न
*संत की वाणी* • किसी नगर में एक बूढ़ा चोर रहता था। सोलह वर्षीय उसका एक लड़का भी था। चोर जब ज्यादा बूढ़ा हो गया तो अपने बेटे को चोरी की विद्या सिखाने लगा। कुछ ही दिनों में वह लड़का चोरी विद्या में प्रवीण हो गया! दोनों बाप बेटा आराम से जीवन व्यतीत करने लगे! • एक दिन चोर ने अपने बेटे से कहा-- ”देखो बेटा, साधु-संतों की बात कभी नहीं सुननी चाहिए। अगर कहीं कोई महात्मा उपदेश देता हो तो अपने कानों में उंगली डालकर वहां से भाग जाना, समझे! • ”हां बापू, समझ गया!“ एक दिन लड़के ने सोचा, क्यों न आज राजा के घर पर ही हाथ साफ कर दूं। ऐसा सोचकर उधर ही चल पड़ा। थोड़ी दूर जाने के बाद उसने देखा कि रास्ते में बगल में कुछ लोग एकत्र होकर खड़े हैं। उसने एक आते हुए व्यक्ति से पूछा,-- ”उस स्थान पर इतने लोग क्यों एकत्र हुए हैं?“ • उस आदमी ने उत्तर दिया-- ”वहां एक महात्मा उपदेश दे रहे हैं!“ • यह सुनकर उसका माथा ठनका। ‘इसका उपदेश नहीं सुनूंगा ऐसा सोचकर अपने कानों में उंगली डालकर वह वहां से भाग निकला! • जैसे ही वह भीड़ के निकट पहुंचा एक पत्थर से ठोकर लगी और वह गिर गया। उस समय महात्मा जी कह रहे थे, ”कभी झूठ नहीं बोलना चाह

Slokas for health

अगस्त्यम कुम्भकर्णं च शनिंच बडवानलं आहार परिपाकार्थ स्मरेद भीमं च पंचमं Agastyam kumbhakarnam cha shanim cha badavaanalam Aahaara paripaakaartham smared bhimam cha panchakam Chant this mantra while caressing your stomach with your left hand in the anti clock wise direction after having your meal. It helps in quick digestion. Shri Datto Narado vyasaha, shuklashcha pavanatmajah, Karthaveeryascha goraksho, sapthaithe smruthi gaminaha. Sloka for trees: Moolatho Brahma Roopaya, Madhyato Vishnu Roopine, Agratha Shiva Roopaya, Vruksha Rajayathe Namaha. Activity specific sloka Slokas for our kids - categorised based on activity. Every activity in one's life is viewed as a result of the powers above. Hence each activity is revered and a prayer chanted to execute the task on hand more out of sincerity and devotion rather than out of "i know everything" attitude. It is said that: Two things define your success in life: 1) The way you manage when you have nothing 2) T

एक पिता का दर्द

एक पिता का दर्द.....              आज पूनम लव मैरिज कर अपने पापा के पास आयी, और अपने पापा से कहने लगी पापा मैंने अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली, उसके पापा बहुत गुस्सें में थे, पर वो बहुत सुलझें शख्स थे, उसने बस अपनी बेटी से इतना कहा, मेरे घर से निकल जाओं, बेटी ने कहा अभी इनके पास कोई काम नही हैं, हमें रहने दीजिए हम बाद में चलें जाएगें, पर उसके पापा ने एक नही सुनी और उसे घर से बाहर कर दिया.........         कुछ साल बित गयें, अब पूनम के पापा नही रहें, और दुर्भाग्यवश जिस लड़के ने पूनम ने शादी की वो भी उसे धोखा देकर भाग गया, पूनम की एक लड़की एक लड़का था, पूनम खुद का एक रेस्टोरेंट चला रही थी, जिससे उसका जीवन यापन हो रहा था.........       पूनम को जब ये खबर हुई उसके पापा नही रहें, तो उसने मन में सोचा अच्छा हुआ, मुजे घर से निकाल दिया था, दर_दर की ठोकरें खाने छोड़ दिया, मेरे पति के छोड़ जाने के बाद भी मुजे घर नही बुलाया, मैं तो नही जाऊंगी उनकी अंतिम यात्रा में, पर उसके ताऊ जी ने कहा पूनम हो आऊ, जाने वाला शख्श तो चला गया अब उनसे दुश्मनी कैसी, पूनम ने पहले हाँ ना किया फिर सोचा चलों हो आती हू

कृष्णा

कृष्ण तुम पर क्या लिखूं! कितना लिखूं! रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! प्रेम का सागर लिखूं! या चेतना का चिंतन लिखूं! प्रीति की गागर लिखूं या आत्मा का मंथन लिखूं! रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! पृथ्वी का मानव लिखूं या निर्लिप्त योगेश्वर लिखूं। चेतना चिंतक लिखूं या संतृप्त देवेश्वर लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! जेल में जन्मा लिखूं या गोकुल का पलना लिखूं। देवकी की गोदी लिखूं या यशोदा का ललना लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! गोपियों का प्रिय लिखूं या राधा का प्रियतम लिखूं। रुक्मणि का श्री लिखूं या सत्यभामा का श्रीतम लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! देवकी का नंदन लिखूं या यशोदा का लाल लिखूं। वासुदेव का तनय लिखूं या नंद का गोपाल लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! नदियों-सा बहता लिखूं या सागर-सा गहरा लिखूं। झरनों-

ग्रह फल

वृष लग्न के साथ शनि अष्टम भाव में स्थित हो तो जातक अनेक बार विदेश जाता है। वृष लग्न में भाग्य स्थान या तृतीय स्थान में मंगल राहु के साथ स्थित हो तो जातक सैनिक के रूप में विदेश यात्राएं करता है। वृष लग्न में राहु लग्न, दशम या द्वादश में हो तो भी विदेश यात्रा का योग बनता है। अगर आप के आँख के ऊपर भौहो पर कट का निशान है कारण कुछ भी हो सकता है। सीढ़ी से गिरना ,गिलास ,चाकू ,थाली इसने लग जाना ,झूले से गिर जाना ,साइकिल से गिरना ,इत्यादि और यह 12 वर्ष की आयु के अंदर हुआ है। तो आपको जीवन में कभी न कभी प्रेत बाधा का शिकार होना पड़ेगा।