कन्या लग्न में जन्म लेने वाले 🧘🧘🧘🧘🧘🧘🧘

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कन्या लग्न में जन्म लेने वाले
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प्रिय पाठको
कन्या लग्न में जन्म लेने वाले जातक का स्वभाव प्रायः स्त्रियों जैसा होता है ।  उनमें स्त्रियोचित कोमलता सहज ही पाई जाती है ।  रचनात्मक कार्यों में उसकी प्रवृत्ति विशेष रूप से रहती है ।  कद मध्यम होता है ।  रंग गोरा होता है ।  तीखे नाक नक्श , सुंदर बनावट ,  उन्नत ललाट ,  पैनी  लंबी और काली आंखें  , तीखे उठे हुए नाक , पतले पतले होठ एवं उभरी हुई ठोड़ी इनके व्यक्तित्व में देखी जा सकती है ।  ऐसे व्यक्ति हंसमुख , चतुर और सफल मित्र सिद्ध होते हैं  । ऐसे व्यक्ति भावना प्रधान होते हैं । कठोर और कर्कश कार्यों में यह पूर्णत असफल रहते हैं ।  युद्ध आदि कार्यों  से घृणा करते हैं । ऐसे व्यक्ति सफल मनोवैज्ञानिक हो सकते हैं । मनुष्य को परखने और कुछ ही क्षणों में उसके अंदर में बैठने की इनमें गजब की शक्ति होते हैं ।  अपने सिद्धांतों को सर्वोपरि समझते हैं एवं इन सिद्धांतों के आधार पर ही दूसरों को देखने का प्रयत्न करते हैं । न्याय प्रियता में इनकी गहरी आस्था होती है ।  शांति कार्यों  में यह सफल होते हैं । ऐसे व्यक्ति डॉक्टर , नर्स  , निर्णय प्रधान कार्य  आदि में सफलता प्राप्त करते हैं  । ऐसे व्यक्ति कल्पनाशील होते हैं और कल्पना में ही जीवित रहते हैं । जीवन की कठोर परिस्थितियों में तुरंत ही घबरा उठते हैं तथा हवाई किले बनाना कल्पनाएं में ही लाखों के वारे न्यारे करना इनके स्वभाव का अंग बन जाता है ।  यथार्थता की अपेक्षा कल्पना में ज्यादा जीवित रहते हैं । अधिकतर यह अपने आप में ही मस्त रहते हैं  । दूसरे इनके बारे में क्या सोचते हैं क्या कहते हैं या क्या धारणा बनाते हैं इसकी परवाह नहीं करते ना दूसरों के सुझाए बात  स्वीकार  करते हैं । यह तो वही कार्य करते हैं जो इन्हें अच्छा लगता है ।  यदि ऐसे व्यक्ति राजनीति क्षेत्र में होते हैं तो सफल होते हैं ।  जनता पर अपने विचारों को जमा देना  , या भीड़ को अपने पक्ष में कर लेना ,  अथवा जनता को वाणी के माध्यम से अपने अनुकूल बना लेना इनके लिए सुगम  होता है ।  भाषण करने की शक्ति विद्यमान रहती है ।  प्रेम के क्षेत्र में अत्यधिक भावुक होते हैं तथा विपरीत लिंग में अपना सर्वस्व भी देने में हिचकिचाहट नहीं करते हैं ।  मित्रता के नाम पर यह बड़े से बड़ा त्याग करने को प्रस्तुत रहते हैं । इस प्रकार के व्यक्ति एक सफल प्रेमी , सफल दार्शनिक और सफल मित्र सिद्ध हो सकते हैं  । सत्य इनके जीवन का अवलंबन होता है ।  मारपीट के कार्य इनके बस में नहीं है । अच्छे उपदेशक भी हो सकते हैं । ईमानदारी भी इनके जीवन  का ध्येय  होता है ।  ऐसे लोगों की बातों से कोई निष्कर्ष निकालना आसान नहीं होता क्योंकि ऐसे व्यक्ति द्विअर्थी बातें करते हैं । विद्या अध्ययन की ओर विशेष रुझान रहता है । स्त्रियोचित , सुकुमारता , कोमलता  , लज्जा , भावुकता और मातृत्व प्रेम स्नेह आदि गुण शाहज हीं इनमे  पाए जाते हैं । 

    🍁कन्या लग्न में ग्रहों का महत्व 🍁

👉 सूर्य आपकी कुंडली में आंख , बाहरी स्थान से संबंध एवं खर्च के स्वामी होते हैं ।  सूर्य आपकी कुंडली में शुभ स्थिति में हुए तो  राज्य से लाभ ,  स्वास्थ्य एवं प्रताप देने वाले होते हैं । 

 👉 चंद्रमा आपकी कुंडली में बड़े भाई एवं आमदनी के स्वामी होते हैं ।  चंद्रमा आपकी कुंडली में सामान्य कारक होते हैं । 

👉मंगल आपकी कुंडली में छोटे भाई , पराक्रम एवं आयु के स्वामी होते हैं ।  मंगल आपकी कुंडली में अकारक ग्रह होते हैं ।  निर्बल मंगल आयु में कमी भी करते है । 

👉बुध आपकी कुंडली में शारीरिक  स्वास्थ्य-सौंदर्य  , आयु ,  पिता , राज्य एवं रोजगार के स्वामी होते हैं ।  बुध आपकी कुंडली में कारक ग्रह होते हैं । 

👉गुरु आपकी कुंडली में माता , भूमि , भवन , घरेलू सुख , पत्नी एवं दैनिक व्यवसाय के स्वामी होते हैं ।  गुरु को केंद्राधिपति दोष लगता है ।  आपकी कुंडली में गुरु का बलवान होना आवश्यक है । 

👉शुक्र आपकी कुंडली में धन , कुटुंब ,  भाग्य  ,धर्म एवं उच्च शिक्षा के स्वामी होते हैं । शुक्र आपकी कुंडली में कारक ग्रह होते हैं । 

👉शनि  आपकी कुंडली में विद्या , बुद्धि , संतान , रोग एवं शत्रु के स्वामी होते हैं ।  शनि आपकी कुंडली में सामान्य अकारक  ग्रह होते हैं । 

 (   मेष , वृष , मिथुन , कर्क , सिंह  लग्न के बारे में मेरा पहले का पोस्ट देखें । इसके बाद के लग्नों  के लिए इंतजार करें  । )

🌹 व्यक्ति जिस लग्न या जिस राशि में जन्म लेता है उस राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं वास्तविक जीवन में उस राशि का फलादेश मैच नहीं करता है । इसका मुख्य कारण है लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव ।
 लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों के प्रभाव के कारण राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं उसमें परिवर्तन हो जाते हैं , परंतु उस राशि का जो मुख्य स्वभाव होता है वह अवश्य व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है ।
जन्म समय के अनुसार जन्म लग्न से बडा महत्व रहता है। और भी जानिये 

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