मोती
🚩सनातन वैदिक ज्ञान 🚩 🌊मोती (Pearl )🌊 ✍️मोती रत्न को अंग्रजी में पर्ल कहते हैं। यह चंद्रमा का रत्न है इसलिए इसे चंद्रमा संबंधी दोषों के निवारण के लिए पहनते हैं। ✍️ पुराने समय से ही मोती का उपयोग विभिन्न प्रयोजनों में किया जाता होगा इसलिए इसका वर्णन ऋगवेद में भी मिलता है। ✍️प्राचीन ग्रंथो के अनुसार शुद्ध मोती तारे के जैसे चमकता है। ज्योतिष में एकदम गोल मोती को सबसे श्रेष्ठ मानते हैं। इसमें न तो कोई रेखा होती हैं और न ही इन पर किसी किए हुए काम के निशान होते हैं। यह ज्ञान को बढ़ाने वाला व धन प्रदान करने वाला रत्न है। चंद्रमा का रत्न व्यक्ति के व्यवहार को शांत करता है। निर्बलता को दूर कर चेहरे पर कांति लाता है। ✍️यह चंद्रमा का रत्न है इसलिए जिसकी जन्मकुंडली में चंद्रमा क्षीण, दुर्बल या पीडि़त हो उन्हें मोती अवश्य धारण करना चाहिए। ✍️यदि जन्मकुंडली में सूर्य के साथ चंद्रमा उपस्थित हो तो वह क्षीण होता है। इसके अलावा सूर्य से अगली पांच राशियों के पहले स्थित होने पर भी चंद्रमा क्षीण होता है। ऐसी स्थिति में Moti धारण करना चाहिए। ✍️केंद्र में चंद्रमा हो तो उसे कम प्रभाव वाला या अ