बुध
बुध। बुध तो बड़ा मजेदार ग्रह है। जिसके साथ बैठ जाये वैसा बन जाये। वो गीता में भगवान बोलते है न कि तुम मुझे जिस रूप में ध्यावोगे उसी रूप में दर्शन दूंगा। बुद्ध प्रभावी व्यक्ति केबसाथ आप जैसा व्यवहार करोगे वो भी आपके साथ वैसा ही करेगा क्योंकि वो तो आपके रंग में रंग जाएगा। लेकिन अंदर से जातक अपने गुणों को बनाये रखेगा। बुद्ध ग्रहण करने की क्षमता है अतः विद्यार्थियों के लिए बुध या पंचम भाव बलि होना जरूरी। इसी लिए सभी शास्त्रो में पंचम में शुभ का बैठा बुद्ध बहुत जबरदस्त बुद्धि शाली ओर शुभ का बताया गया है। वृषभ ओर कुम्भ लग्न में तो ये राजयोग बताना है। ऐसा जातक अपनी बुद्धि के बल पे कुल का नाम रोशन करता है। पंचम का शुभ का बुध हो तो जातक बिना गुरु के ही अपने आप को विकसित कर लेता है। क्योंकि जातक के बुद्धि , ग्रहण करने की क्षमता जबर दस्त होती है। यही बुध कालपुरुष में 3 ओर 6 भाव का भी मालिक। मतलब बुध भी कम नही है। बुध की दोनों रशिया भी द्विस्वभाव। त्रिक, trishadaayash, उपचय में आये। बुध तांत्रिक तंत्र भी तो है। दिमाग को चार्ज रखता है हमेशा। ओर सबसे बड़ी बात बुद्ध आदमी को adjustable ...