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Showing posts from January, 2019

हिन्दू बन जाओ..

पूरा पढें।    विनती है खुद जाग गये तो ओरों को भी जगाओ।एससी एसटी एक्ट की आड़ मे पनप रहे षडयंत्र को समझो जो नोटा के लिए भड़का रहे है।सबसे विनती है चार माह के लिए सिर्फ हिन्दू बन जाओ। ये एक कहानी लग सकती है आपको या जाती वाद भी लग सकता है।भाजपा का प्रचार या राष्ट्रवाद भी लग सकता है।समझे मनन करें। अध्यापक :- सबसे अधिक हिन्दुओ वाला देश बताओ ? छात्र :- नेपाल अध्यापक :- (चौककर) तो सबसे कम हिंदुओ वाला देश कौन सा है ? छात्र :- हिंदुस्तान ! अध्यापक :- (घबराकर) कैसे ? छात्र :- सर यहाँ सबसे ज्यादा सेक्यूलर रहते है, फिर जाट, गुर्जर, ठाकुर, ब्राह्मण, लाला, पटेल, कुर्मी, यादव, सोनार, लोहार, बढ़ई, प्रजापति, केवट, धुनिया, मल्लाह, कोरी, चमार, ढाढ़ी, पासी, पासवान रहते है !! हिंदू कहा रहते है !! यदि हिन्दू होते तो, अयोध्या में हिन्दुओ के कातिल को सत्ता देते ?? यदि हिन्दू होते तो, रामसेतु को काल्पनिक बताने वाले को सत्ता देते ?? यदि हिन्दू होते तो, भगवा आतंकी कहने वाले को सत्ता देते ?? यदि हिन्दू होते हो, कश्मीर में हिन्दुओ को मौत के घाट पे उतारने वाले को सत्ता देते ?? यदि हिन्दू होते तो, सरेआम ग

विश्व अज्ञानता

जब पूरा विश्व अज्ञानता क़े अंधेरे में डूबा हुआ था उस समय भारत के महान ऋषिमुनि वैध गुरुकुल ज्ञान विज्ञान एक रौशनी बनकर जगमगा रहा था विश्व को राह दिखा रहा था आज से 1500-2000 साल से अस्तित्व में  धर्म संस्कृति ज्ञान आयी है वो अपने आप में इठलाति है घमण्ड करती है हमे निचा दिखता है एक हजार से विदेशी आक्रमकारी अत्याचारी वहसी लोगो ने सिर्फ हमे लुटा तहस-नहस ही नही किया बल्कि हमारी पहचान ज्ञान धर्म संस्कृति पहचान को इर्ष्यावश मिटाने कि भरसक प्रयत्न किया कि इनशानियत भी शर्मशार हो जाये हमारी धर्म संस्कृति इस पृथ्वी जल वायू आकाश  सृष्टि के जन्म से शुरुआत होती है कि ब्रम्हा विष्णू महेश ने बनाया है जो लोग सिर्फ अन्य धर्म संस्कृति पूजा स्थल को नष्ट करके ही अपने को श्रेष्ठ मानते है वो लोग हमारी गीता पूराण रामायण धर्मग्रंथ प्राचीन मंदिर महल को वास्तविक नही मानते है इनके अलावा भी हमारी प्राचीन संस्कृति ज्ञान विज्ञान भी उनको आयना दिखाता कुछ सत्यतात्मक तथ्य   👉 तक्षशिला और नालंदा को विश्व की सबसे प्राचीन विश्वविधालय 2700 पहले स्थापित किया गया था जहां देश ही नही विदेश से भी हजारो छात्रों पढ़ने आते थ

Teesari kasam song

दुनिया बनानेवाले !!!!क्या तेरे मन मे समाई.   काहे को दुनिया बनाई!!!! तूने काहे को दुनिया बनाई!!!! काहे बनाये तूने माटी के पुतले!!! धरती ये प्यारी प्यारी... मुखड़े ये उजले!!! काहे बनाया ...तू ने दुनिया का खेला!!! जिस में लगाया ...जवानी का मेला!!! गुपचुप तमाशा देखे!! वाह रे तेरी खुदाई!!! तू भी तो तड़पा होगा... मन को बनाकर!! तूफां ये प्यार का ...मन में छुपाकर!!! कोई छबी तो होगी ...आँखों में तेरी!! आँसू भी छलके होंगे... पलकों से तेरी!!😢 बोल क्या सूझी तुझको..काहे को प्रीत जगाई! प्रीत बना के... तूने जीना सिखाया!!! हँसना सिखाया...रोना सिखाया!!! जीवन के पथ पर ...मीत मिलाये!!! मीत मिला के ...तूने सपने जगाये!!! सपने जगा के तूने...काहे को दे दी जुदाई!!! Mukeshji & Suman Kalyanpur.....Teesri Kasam Lyrics..... Shailender Composer.... Shankar Jaikishan

दही गुंजिया

दही गुंजिया सामग्री - उरद की दाल - एक कप नमक - स्वादानुसार (1/3 छोटी चम्मच) किशमिश - 25-30 चारौली(चिरोंजी) - एक टेबल स्पून काजू - 15 (छोटे छोटे काट लीजिये) तेल - गुझिया तलने के लिये दही - 4 कप(पानी निकला हुआ) नमक स्वादानुसार (एक छोटी चम्मच) हरी चटनी - 1 छोटी कटोरी मीठी चटनी - 1 छोटी कटोरी लाल मिर्च - 1 छोटी चम्मच भुना हुआ जीरा - 2 छोटी चम्मच चाट मसाला -  2 छोटी चम्मच विधि - दाल को साफ कीजिये, धोइये, और 4- 5 घंटे के लिये पानी में भिगो दीजिये (पूरी रात भी पानी में भिगो सकते है),अतिरिक्त पानी दाल को चलनी में रखकर निकाल दीजिये. भीगी हुई दाल को बिना पानी डाले मिक्सर से बारीक पीस लीजिये.दही गुजिया के लिये दाल का पेस्ट एकदम गाढ़ा होना चाहिये, आपकी दाल का पेस्ट यदि गाढ़ा नहीं हो तो इसमें थोड़ा बेसन भी मिला सकते हैं, लेकिन अधिक बेसन से दही गुजिया मुलायम नहीं बनतीं, पिसी हुई दाल को किसी बर्तन में निकालिये और हाथ सलगातार 5 से 7 मिनिट खुब फेटिये गुझिया बनाने के लिये दाल तैयार हो गयी है। काजू और चारौली किशमिश एक साथ सबको मिला लीजिये, कढ़ाई में तेल डालकर गरम कीजिये, एक कटोरी लीजि

खांडवी

खांडवी सामग्री : बेसन - 1 कप दही - 1 कप पानी - 2 कप हींग - 1 पिंच अदरक पेस्ट - 1 चम्मच हल्दी पाउडर - 1/6 चम्मच नमक - स्वादानुसार तेल - 1 टेबल स्पून राई - 1 छोटी चम्मच तिल्ली - 1 छोटी चम्मच हरी मिर्च - 3-4 हरा धनियां - 1 टेबल स्पून विधि : बेसन को किसी बर्तन में छान कर निकालिये, दही को फेंट कर बेसन में मिलाइये, पानी, हींग, अदरक पेस्ट, हल्दी पाउडर और नमक डालकर चमचे से चलाते हुये घोल तैयार कीजिये (घोल में गुठलियां नहीं रहनी चाहिये) एक बर्तन में तैयार घोल डालिये और पकने के लिये गैस पर रखिये।चम्मच से चलाते हुये लगभग 8-9 मिनट तक पकाइये। पहले तेज गैस पर पकाइये, जैसे ही घोल गाढ़ा होने लगे और घोल में उबाल आ जाये, गैस फ्लेम धीमी कर दीजिये। जब घोल पर्याप्त गाढ़ा हो जाय तो खांडवी जमाने के लिये तैयार है। इस घोल को थाली या ट्रे में बिना चिकना किये,चम्मच या कटोरी की सहायता से पतला फैलाकर रख दीजिये। 10 -15 मिनिट में यह घोल जम जाता है, चाकू की सहायता से 2 इंच चौड़ी, 6 इंच लम्बी पट्टियां काट लीजिये, इन पट्टियों को रोल बनाते हुये उठाइये, और प्लेट में लगाकर रखिये। छोटी कढ़ाई में तेल डाल कर

वेज चीज़ पिज्जा

वेज चीज़ पिज्जा - सामग्री -पिज्जा बेस के लिए २ कप मैदा १ कप दही १ टी स्पून बेकिंग पाउडर २ टी स्पून नमक १ टेबल स्पून तेल थोडा पानी - पिज्जा टॉपिंग के लिए १०० ग्राम चीज १ कप टमाटर १ कप पत्ता गोभी १ कप प्याज १/२ कप टोमैटो सॉस ४ टी स्पूनओरगेनो हब/( काली मिर्च पाउडर) ४ टी स्पून चिली फ्लेक्स - विधि १) एक बाउल में मैदा,नमक,दही, बेकिंग पाउडर, तेल और जरूरत नुसार पानी डालकर मुलायम  लोई बनाकर उसे ढककर रखें। ४ घंटे के लिए रेस्ट होने दें। २) अब पिज्जा टॉपिंग के लिए टमाटर, प्याज, पत्ता गोभी कट कर के रख दें। ३) अब लोई को लेकर एक बार फिर से गूंथ लें।  बड़े साइज की लोई लेकर उसे थोड़ा मोटा बेल ले। उसपर फोर्क की मदद से छोटे छोटे होल्स बना लें।  अब एक पैन गर्म करें और उसपर बेली हुए बेस डाले। उसे कवर से ढक दें और ३-४ मिनट बेक होने दें। अब कवर  निकालकर दूसरे साइड से २ मिनट सेक लें। ४) अब इसे निकालर उसपर पहले २ टी स्पून टोमैटो सॉस लगा लें फिर उसपर चीज को ग्रेट (कद्दू कस) कर के  फैला लें। इसपर अब कट किए हुए प्याज, पत्ता गोभी, टमाटर लगा दे। उपर फिर  से चीज डाले। १ टी स्पून काली मिर्च पाउडर

जावित्री क्या है

जावित्री क्या है और इसका सेवन किसलिए करना चाहिए मसाले प्रकृति के दिए अनमोल खजाने में से एक हैं। जो आपके खाने को स्वाद देने के साथ-साथ आपकी सेहत को भी दुरूस्त रखते हैं। आपने अपनी रसोई में मौजूद गर्म मसालों में कई तरह के मसाले देखें होगें। आज जिस मसाले के बारे में हम बताने जा रहे हैं वह भी आपने गर्म मसाले में देखा होगा। जी हां आज हम आपको जावित्री के बारे में बता रहे हैं।जावित्री में एंटी-इंफ्लेमेट्री, फाइबर, फोलेट, राइबोफ्लेविन और एस्ट्रिंजेंट होता है,जो शरीर को कई समस्याओं से बचाता है। इसके अलावा ये सारे पोषक तत्व पेट से जुड़ी कई समस्याओं के लिए भी एक बेहतर विकल्प होता है।आज हम आपोको इसे खाने के फायदे बताएंगे। ◆जावित्री ब्लड सर्कुलेशन को बूस्ट करता है जिसके कारण त्वचा और बाल स्वस्थ रहता है। इसके अलावा यह इंफेक्शन से भी लड़ने में मदद करता है। ◆जावित्री के सेवन से जोड़ो के दर्द से छुटकारा मिलता हैं।इसिके लिए 2 ग्राम जावित्री में थोड़ा सा सोंठ मिलाकर इसे गरम पानी के साथ लीजिये। ◆ कब्ज, उल्टी, दस्त और गैस की गंभीर समस्याओं को पूरी तरह दूर करने के लिए थोड़ी सी जावित्री को गर्म पानी के स

दिल्ली  सल्तनत की माहिती

🇮🇳दिल्ली  सल्तनत की एक कहानी🇮🇳 दिल्ही सल्तनत तोमारवंश से नरेन्द्र मोदी तक 👉तोमरवंश 1=736 अनंगपाल तोमार और उनके वंश 2=1049 अनंगपाल दूसरा 3=1097 सूरजपाल तोमर 1135 में तोमर वंश समाप्त् 👉चौहाण वंश 1=1153 विग्रहराज पाँचवे 2=1170 सोमेश्वर चौहाण 3=1177 पृथ्वीराज चौहाण 1193 चौहान वंश समाप्त् 👉गुलाम वंश 1=1193 महमद घोरी 2=1206 कुतबूदीन ऐबक 3=1210 आरम शाह 4=1211 इल्तुतमिश 5=1236 रुकनुदिन फिरोज शाह 6=1236 रज़िया सुल्तान 7=1240 मुइज़ुदिन बहेराम 8=1242 अल्लाउदीन मसूद शाह 9=1246 नसरुदीन महमद शाह 10=1266 धियासुदीन बल्बन 11=1286 कै खुशरो 12=1287 मुइज़ुदिन कैकुबाद 13=1290 कयुमार्श 1290 गुलाम वंश समाप्त् 👉खीलजी वंश 1=1290 जलालुदीन फ़िरोज़ शाह 2=1296 रुक्नुदिन इब्राहिम शाह 3=अल्लाउदीन फिरोज़ महमद शाह 4=1316 सहिबुदिन उमर शाह 5=1316 कुटबुदिन मुबारक शाह 6=1320 नासिरुदीन खुशरू शाह 7=1320 खिलजी वंश स्माप्त 👉तघलख वंश 1=1320 घीयसुदिन तघलख पहले 2=1325 महमद तघलख दूसरा 3=1351 फ़िरोज़ शाह 4=1388 धीयासुदिन तघलख  दूसरा 5=1389 अबु बकर शाह 6=1389 महमद तघलख तीसरा 7=1394 सिकंदर श

રાજગરો એટલે કુદરતી સ્ટીરોઇડ*

*🎯રાજગરો એટલે કુદરતી સ્ટીરોઇડ* *ફક્ત રાજગરામાં જ કુદરતી સ્ટીરોઈડ છે, રાજગરો લોહીમાં સુગરનું લેવલ વધવા દેતો નથી, ડાયાબિટીસ દર્દી માટે શ્રેષ્ઠ છે, જેમાં કોલેસ્ટ્રોલ ઓછું છે જે મગજ ને લીવરની તાકાતમાં વધારો કરે છે, વા, સાંધાની તકલીફમાં ઉત્તમ છે, ચામડીના રોગ ના થવા દે, સ્ટેમીના વધારે, શરીરના સ્નાયુનો વિકાસ કરે, તેમજ ચયાપચયની ક્રિયામાં વધારો કરે, રક્તકણો નો વિકાસ કરે, જો રાજગરાનો ઉપયોગ દેશી ગોળ સાથે શિરો બનાવીને અઠવાડિયામાં બે વાર ખાવામાં આવે તો તે આપણા આરોગ્યનો હીરો બને છે ને શરીર સુડોળને ખડતલ બને છે, તો ચાલો આજથી જ રાજગરાનો ઉપયોગ કરીને શરીરમાં સાચા આરોગ્યથી "રાજ" કરીએ* 🎯ઉપવાસ સિવાય પણ *સપ્તાહમાં 1વાર ખાઓ રાજગરો, મળશે 10 જબરદસ્ત લાભ.* 🎯રાજગરામાંથી પ્રોટીન, વિટામિન સી, ઈ, આયર્ન, મેગ્નેશિયમ, ફોસ્ફરસ, પોટેશિયમ અને એન્ટીઓક્સીડેન્ટ્સ ભરપૂર પ્રમાણમાં મળી રહે છે. સપ્તાહમાં માત્ર એકવાર રાજગરાને ખાવામાં આવે તો સ્વાસ્થ્યને ઘણાં લાભ મળી શકે છે. રાજગરો ખાવાથી એનિમિયામાં લાભ થાય છે. આંખો અને હાર્ટ હેલ્ધી રહે છે. હરસ-મસા, ખરજવું, પેટની ચૂંક અને પેશાબની ઓછપની તકલીફમાં રાજગરો ઔષધ જેવું કામ

જમીનના - કદના માપનું કોષ્ટક

જમીનના - કદના માપનું કોષ્ટક 1 એકર=40 ગુંઠા,       1 એકર=4840 વાર 1 એકર=43560 ફૂટ,  1 એકર=0.4047 હેકટર 1 એકર=2.5 વીઘા,     1 વીઘા =16 ગુંઠા 1 વીઘા =16 ગુંઠા,       1 વીઘા =17424 ફૂટ 1 હેક્ટર =6.25 વીઘા,  1 ગુંઠા =101.2 મીટર 1 ગુંઠા =121 વાર,       1 ગુંઠા =1089 ચો. ફૂટ 1 મીટર =100 સે.મી.,  1 મીટર =3.28 ફૂટ ,39.37ઈંચ 1 મીટર =1,196 વાર,  1 ચો.મીટર =10.76 ફૂટ 1 વાર =3 ફૂટ,             1 વાર =0.9144 મીટર 1 ચો. વાર =9 ફૂટ        1 ફૂટ =0.3048 મીટર, 1 ઈંચ =25.3 મી. મી.  1 મીટર =1000 મી.મી. 1 ગજ =2 ફૂટ,            1 ગજ =0.61 મીટર 1 કડી =2 ફૂટ,             1 કડી =0.61 મીટર 1 સાંકળ =16 કડી,      1 સાંકળ =10.06 મીટર 1 સાંકળ =33 ફૂટ,        1 કિ.મી. =1000 મીટર 1 કિ.મી.=0.6215માઈલ,1 માઈલ =1609 મીટર 1 કિ.મી. =3280.80 ફૂટ, 1 ફલાંગ =660 ફૂટ 1 ફલાંગ =201,17 મીટર  1 ઘન મીટર =1000 લિટર 1 ઘનફૂટ =0.2831 ઘનમીટર 1 ઘનમીટર =35.31 ઘનફૂટ, 1 ઘન સેમી =1 સીસી    1 સીસી =1 મિ.લિ.,            1 સીસી =1 ગ્રામ 1 લિટર =1000 સી.સી.,     1 લિટર =1 કિ.ગ્રા. 1ઘનફૂટ =28.317 લિટર     1 લિટર =0.2205 ગેલન

Story

🌻🌻 *एक दिन नयी सोच*    🌻🌻 एक नदी के किनारे दो पेड़ थे उस रास्ते एक छोटी सी चिड़िया गुजरी और पहले पेड़ से पूछा बारिश होने वाला है क्या मैं और मेरे बच्चे तुम्हारे टहनी में घोसला बनाकर रह सकते हैं लेकिन वो पेड़ ने मना कर दिया चिड़िया फिर दूसरे पेड़ के पास गई और वही सवाल पूछा दूसरा पेड़ मान गया चिड़िया अपने बच्चों के साथ खुशीखुशी दूसरे पेड़ में घोसला बना कर रहने लगी एक दिन इतनी अधिक बारिश हुई कि इसी दौरान पहला पेड़ जड़ से उखड़ कर पानी मे बह गया जब चिड़िया ने उस पेड़ को बहते हुए देखा तो कहा जब तुमसे मैं और मेरे बच्चे शरण के लिये आई तब तुमने मना कर दिया था *अब देखो तुम्हारे उसी* *रूखी बर्ताव की सजा* *तुम्हे मिल रही है* जिसका उत्तर पेड़ ने मुस्कुराते हुए दिया *मैं जानता था मेरी जड़ें कमजोर है* और इस बारिश में टिक नहीं पाऊंगा मैं तुम्हारी और बच्चे की  जान खतरे में नहीं डालना चाहता था मना करने के लिए मुझे क्षमा कर दो और ये कहतेकहते पेड़ बह गया *किसी के इंकार को हमेशा उनकी कठोरता न समझे* क्या पता उसके उसी इंकार से आप का भला हो कौन किस परिस्थिति में है शायद हम नहीं समझ पाए *इसलि