A complain to husband
मैं थक गयी मुझे भी अब नौकरी करनी है.. बस! बड़ी सख्ती के साथ पत्नी ने पति से कहा.. तो पति ने कहा.. मगर क्यों क्या कमी है घर में, आखिर तुम नौकरी क्यों करना चाहती हो? पत्नी ने शिथिल होकर कहा..क्योंकि मैं जानती हूँ कि.. अगर छुट्टी चाहिए तो दफ्तर में काम करो घर में नहीं। बिना तनख्वाह के सबका रौब झेलो.. इतने सारे बॉस से तो अच्छा है..कि मैं नौकरी करूँ.. इंडिपेंडेंट रहूँ.. छुट्टी भी मिलेगी, घर में रौब भी रहेगा, और मेरी डिग्रियाँ भी रद्दी न बनेंगी . महत्वाकांक्षी लोग रोटी कमाते हैं बनाते नहीं.. दिन भर बाई की तरह लगे रहने वाली.. स्वयं को बनने सँवरने का समय नहीं देती.. तो उसको गयी गुजरी समझा जाता है. बाई भी अपना रौब जमाती है.. छुट्टी करती है.. बेढंगे काम का पैसा लेती है .. पर मैं? मैं क्या हूँ..मुझे कभी कोई एक्सक्यूज नहीं.. कोई तारीफ नहीं.. कोई वैल्यू नहीं.. और अपेक्षाओं का अंत नहीं.. ऊपर से नो ऐबीलिटी.. मैं हूँ ही क्या एक मामूली हाउस वाइफ.. पति ने कहा नहीं.. तुम अपने घर की बॉस हो। मगर तुम में कुछ कमी है.. आर्डर की जगह रिक्वेस्ट करती हो.. डांटने की जगह रूठ जाती हो.