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Showing posts from August, 2020

श्रीराधाअष्टमी_की_हार्दिक_शुभकामनाएं

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#श्रीराधाअष्टमी_की_हार्दिक_शुभकामनाएं🙏😇🌟        🌺॥ श्री राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र ॥🌺 🌺🌼मुनीन्दवृन्दवन्दिते त्रिलोकशोकहारिणी, प्रसन्नवक्त्रपंकजे निकंजभूविलासिनी।  व्रजेन्दभानुनन्दिनी व्रजेन्द सूनुसंगते, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥ (१) भावार्थ : समस्त मुनिगण आपके चरणों की वंदना करते हैं, आप तीनों लोकों का शोक दूर करने वाली हैं, आप प्रसन्नचित्त प्रफुल्लित मुख कमल वाली हैं, आप धरा पर निकुंज में विलास करने वाली हैं। आप राजा वृषभानु की राजकुमारी हैं, आप ब्रजराज नन्द किशोर श्री कृष्ण की चिरसंगिनी है, हे जगज्जननी श्रीराधे माँ! आप मुझे कब अपनी कृपा दृष्टि से कृतार्थ करोगी ? (१)  🌺🌼अशोकवृक्ष वल्लरी वितानमण्डपस्थिते, प्रवालज्वालपल्लव प्रभारूणाङि्घ् कोमले।  वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालये, कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥ (२) भावार्थ : आप अशोक की वृक्ष-लताओं से बने हुए मंदिर में विराजमान हैं, आप सूर्य की प्रचंड अग्नि की लाल ज्वालाओं के समान कोमल चरणों वाली हैं, आप भक्तों को अभीष्ट वरदान, अभय दान देने के लिए सदैव उत्सुक रहने वाली हैं। आप के हाथ सुन्दर कमल के समान हैं, आप अप

Shri Rudra Nyasam - Athmanidevata

Shri Rudra Nyasam - Athmanidevata Sthapanam Lyrics athaato rudra snaana archana abhisheka vidhim vyaakhyaasyaama: | aadita eva teerthe snaanaa udetya shuchi: prayato brahmachaaree shuklavaasaa devaabhimukha: sthitvaa aatmani devataa: sthaapayet || prajanane brahmaa tishthatu | paadayor vishnu: tishthatu | hastayor hara: tishthatu | baahvor indra: tishthatu | jathare agni: tishthatu | hrudaye shiva tishthatu | kanthe vasa vas: tishthantu | vaktre sarasvatee tishthatu | naasikayor vaayu: tishthatu | nayanosh_chandra_adityou tishthetaam | karnayor ashvinou tishthetaam | lalaate rudraa: tishthantu | moordhanya adityaa: tishthantu | shirasi mahaadeva: tishthatu | shikhaayaam vaamadeva: tishthatu | prushthe pinaakee tishthatu | purata: shooli tishthatu | paarshvayo: shivaashankarau tishthetaam | sarvato vaayu: tishthatu | tato bahi: sarvato ag_nir_jvaalaa_maalaa parivruta: tishthatu | sarveshvangeshu sarvaa devataa yathaasthaanam tishthantu | maagam rakshantu || agnirme vaachi shrita: vaagdh

ग्रहों के उपाय

💥जब आम उपाय काम न दे तो घंटो में असर करनेवाले ये उपाय आजमाए| ♦️सूर्य- पानी मे गुड़ बहाए ♦️चंद्र- रात्रि में सोते समय सिरहाने दूध या गंगाजल रखकर सुबह होते ही बबुल के पेड़ में डाल आये! ♦️मंगल- मीठा भोजन ब्राह्मण को कराए अथवा समुंदर में 3 बताशे बहाये! ♦️मंगलल बद- रेवड़ी बहते पानी मे बहाये अथवा तंदूरी रोटी लाल कुत्तो को खिलाएं! ♦️बुध- तांबे का छेद वाला सिक्का नदी में विसर्जित करें! ♦️गुरु- केसर घिस के नाभि में लगाये अथवा दूध में केसर मिश्री डाल के पिये! ♦️शुक्र- भोजन की थाली आप के सामने आए तो उसमें से 10% भोजन गाय के लिए अलग निकाल के फिर भोजन करना शुरु करे! ♦️शनि- सरसो के तेल का छाया पात्र दान करे,शनि द्वारा धन से संबंधित समस्याओं में कौवे को सरसों का तेल चुपड़ के रोटी डाले,यदि संतान से संबंधित समस्या हो तो काले कुत्ते को सरसों का तेल चुपड़ के रोटी डाले ♦️​राहु- सुबह पंचामृत+गौमूत्र एक चम्मच पानी मे डाल के नहाए और एक चम्मच पान करे, सुबह, दोपहर ,सायं टाइम फिक्स कर ले उसी समय रोज 128 बार जय दुर्गा ,जय दुर्गा बोले! ♦️केतु- कुत्तो को गेहूं के आटे का बना हुआ लड्डू खिलाए,और सुबह, दोपहर ,सायं टाइम फि

Understanding Remedial Measures: of grah

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🕉Understanding Remedial Measures: 9th house is our Sanchitha Karma (Accumulated past merits), 5th house is our Prarabdha Karma (Fructifying karma) and 10th house is our Kriyamana or Agaami Karma the actions of the present. An afflicted bhava or planet has benefics especially Jup in 5th or 9th house from that bhava or planet it can be remedied. If malefics are situated in 5th or 9th from a bhava or planet especially Sat Rahu Ketu that house cannot be remedied. If both malefics and benefics are there in its trine it can be partially remedied.  Remedial Measures is a huge topic. This article is an introduction to remedial measures prescribed by Astrological Classics and Ancient Rishis. 🍥Understanding Dhatu Moola Jeeva Rasi’s and the Tatwa Rasi’s Fire, Earth, Air, Water is very important before a remedy is prescribed. Dhatu Moola Jeeva Rasi’s and Remedies: 1.Dhatu: Metals, Minerals and objects Signs: Aries, Can, Lib, Cap Remedy: Wearing Metal Bracelets, Gems or donating them.

हिन्दी_बोलने_का_प्रयास_करें___

#हिन्दी_बोलने_का_प्रयास_करें___ ये वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें...       #उर्दू                #हिंदी 01 ईमानदार       - निष्ठावान 02 इंतजार         - प्रतीक्षा 03 इत्तेफाक       - संयोग 04 सिर्फ            - केवल, मात्र 05 शहीद           - बलिदान 06 यकीन          - विश्वास, भरोसा 07 इस्तकबाल    - स्वागत 08 इस्तेमाल       - उपयोग, प्रयोग 09 किताब         - पुस्तक 10 मुल्क            - देश 11 कर्ज़             - ऋण 12 तारीफ़          - प्रशंसा 13 तारीख          - दिनांक, तिथि 14 इल्ज़ाम         - आरोप 15 गुनाह            - अपराध 16 शुक्रीया          - धन्यवाद, आभार 17 सलाम           - नमस्कार, प्रणाम 18 मशहूर           - प्रसिद्ध 19 अगर             - यदि 20 ऐतराज़          - आपत्ति 21 सियासत        - राजनीति 22 इंतकाम          - प्रतिशोध 23 इज्ज़त           - मान, प्रतिष्ठा 24 इलाका           - क्षेत्र 25 एहसान          - आभार, उपकार 26 अहसानफरामोश - कृतघ्न 27 मसला            - समस्या 28 इश्तेहार          - विज्ञापन 29 इम

हिन्दी_बोलने_का_प्रयास_करें___

#हिन्दी_बोलने_का_प्रयास_करें___ ये वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें...       #उर्दू                #हिंदी 01 ईमानदार       - निष्ठावान 02 इंतजार         - प्रतीक्षा 03 इत्तेफाक       - संयोग 04 सिर्फ            - केवल, मात्र 05 शहीद           - बलिदान 06 यकीन          - विश्वास, भरोसा 07 इस्तकबाल    - स्वागत 08 इस्तेमाल       - उपयोग, प्रयोग 09 किताब         - पुस्तक 10 मुल्क            - देश 11 कर्ज़             - ऋण 12 तारीफ़          - प्रशंसा 13 तारीख          - दिनांक, तिथि 14 इल्ज़ाम         - आरोप 15 गुनाह            - अपराध 16 शुक्रीया          - धन्यवाद, आभार 17 सलाम           - नमस्कार, प्रणाम 18 मशहूर           - प्रसिद्ध 19 अगर             - यदि 20 ऐतराज़          - आपत्ति 21 सियासत        - राजनीति 22 इंतकाम          - प्रतिशोध 23 इज्ज़त           - मान, प्रतिष्ठा 24 इलाका           - क्षेत्र 25 एहसान          - आभार, उपकार 26 अहसानफरामोश - कृतघ्न 27 मसला            - समस्या 28 इश्तेहार          - विज्ञापन 29 इम

धार्मिक कहानी

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उत्तानपाद की दो पत्नियां थी सुरुचि और सुनीति। सुरुचि का पुत्र था उत्तम और सुनीति का ध्रुव।  एक दिन उत्तम अपने पिता की गोद में खेल रहा था और उसे देखकर ध्रुव ने भी अपने पिता की गोद में बैठना चाहा। सौतेली माता सुरुचि ने ध्रुव को झटककर नीचे उतार दिया और उत्तानपाद ने उसे नहीं रोका।  ध्रुव दुखी होकर अपनी माता सुनीति के पास गया। उसकी माता ने ध्रुव को समझाते हुए कहा कि नारायण ही उसे उसके लिए उचित आसन प्रदान कर सकते हैं।  बालक ध्रुव को माता की बात घर कर गयी और वो श्रीहरि की तपस्या में लीन हो गया।  अपने दृढ निश्चय और भक्ति से ध्रुव ने संसार में वो स्थान प्राप्त किया जो किसी को नहीं मिलता और हम आज भी उसे सप्तर्षियों के साथ उत्तर आकाश में टिमटिमाते हुए देख सकते हैं। Uttanpad had two wives Suruchi and Suniti. Suruchi’s son was Uttam and Suniti’s Dhruv. Once day Uttam was playing on the lap of his father, when Dhruv also attempted to climb his father’s lap his step-mother Suruchi pull him away. Dhruv was very sad, since his father also did not protest.  Dhruv went to his mother and she told him that

स्वस्तिक का रहस्य

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स्वस्तिक का रहस्य ------------------- हिन्दू संस्कृति के प्राचीन ऋषियों ने अपने धर्म के आध्यात्मिक अनुभवों के आधार पर कुछ विशेष चिन्हों की रचना की। ये चिन्ह मंगल भावों को प्रकट करती हैं। ऐसा ही एक चिन्ह है “स्वास्तिक“।  स्वस्तिक मंगल चिन्हों में सर्वाधिक प्रतिष्ठा प्राप्त है और पूरे विश्व में इसे सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। इसी कारण किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले स्वस्तिक का चिन्ह बनाया जाता है। स्वस्तिक दो प्रकार का होता है - 1-  दांंया स्वस्तिक  2- बांया स्वस्तिक दाहिना स्वस्तिक नर का प्रतीक है और बांया नारी का प्रतीक है। वेदों में ज्योतिर्लिंग को विश्व के उत्पत्ति का मूल स्त्रोत माना गया है। स्वस्तिक की खड़ी रेखा सृष्टि के उत्पत्ति का प्रतीक है और आड़ी रेखा सृष्टि के विस्तार का प्रतीक है तथा स्वस्तिक का मध्य बिंदु विष्णु जी का नाभि कमल माना जाता है जहाँ से विश्व की उत्पत्ति हुई है। स्वस्तिक में प्रयोग होने वाले 4 बिन्दुओ को 4 दिशाओं का प्रतीक माना जाता है। कुछ विद्वान् इसे गणेश जी का प्रतीक मानकर प्रथम पूज्य मानते हैं। कुछ लोग इनकी 4 वर्णों की एकता क

सनातन संस्कृति

*हमारे धार्मिक ग्रंथ और हमारी सनातन हिन्दू परंपरा के अनुसार पुत्र (बेटा) को कुलदीपक अथवा वंश को आगे बढ़ाने वाला माना जाता है.....* *अर्थात.... उसे गोत्र का  वाहक माना जाता है.* *क्या आप जानते हैं कि.... आखिर क्यों होता है कि सिर्फ पुत्र को ही वंश का वाहक माना जाता है ????* *असल में इसका कारण.... पुरुष प्रधान समाज अथवा* *पितृसत्तात्मक व्यवस्था नहीं ....* *बल्कि, हमारे जन्म लेने की प्रक्रिया है.* *अगर हम जन्म लेने की प्रक्रिया को सूक्ष्म रूप से देखेंगे तो हम पाते हैं कि......* *एक स्त्री में गुणसूत्र (Chromosomes) XX होते है.... और, पुरुष में XY होते है.*  *इसका मतलब यह हुआ कि.... अगर पुत्र हुआ (जिसमें XY गुणसूत्र है)... तो, उस पुत्र में Y गुणसूत्र पिता से ही आएगा क्योंकि माता में तो Y गुणसूत्र होता ही नही है* *और.... यदि पुत्री हुई तो (xx गुणसूत्र) तो यह गुणसूत्र पुत्री में माता व् पिता दोनों से आते है.* *XX गुणसूत्र अर्थात पुत्री* *अब इस XX गुणसूत्र के जोड़े में एक X गुणसूत्र पिता से तथा दूसरा X गुणसूत्र माता से आता है.* *तथा, इन दोनों गुणसूत्रों का संयोग एक गांठ सी रचना बना लेता है...

पुन्नूर टेम्पल

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PUNNAI NALLUR KOTHANDARAMAR TEMPLE..... 🙏🙏🙏 Have u heard about Punnai Nallur Kothandaramar Temple near Mariamman Temple in Tanjore District?? This Ramar is made of 5’ tall SALIGRAMA SILA(Stone) Punnai Nallur is 4 km.away from Tanjore,situated behind the world famous”PUNNAI NALLUR MARIAMMAN KOVIL”. It’s a 500 yr old Temple, the specialty of this Temple is the MOOLA VIGRAHA OF KOTHANDA RAMAR IS MADE OF 5’ TALL SINGLE PIECE OF SHALIGRAMA SHILA(stone)WHICH IS VERY RARE TO FIND.SHALIGRAMA STONES ARE SUPPOSED TO BE VISHNU SWAROOPA IN VAISHNAVA SAMPRADAYAM. During marriage of Daughters,Vaishnavites used to give Tulsi Madam n SHALIGRAMA to the Grooms.This practice is still carried out in very orthodox n conservative families, since it’s believed LORD VISHNU is in SHALIGRAMA Shaligramas are found in KANTAKI river in Nepal only. Once when the King of Nepal married off his daughter to a Tanjore based Maratha King’son, Nepal king gave away Big Shaligrama Shila, along with other presents t

सूर्य से जन्म समय कैसे देखते है

सूर्य से जन्म समय कैसे देखते है उसका अभ्यास करेगे। कुंडली में 12 घर को भाव कहते हे।हम अगर सूर्य को पहले अर्थात  लग्न में सूर्य को रखते है तो सुबह 06 से 8 तक, बाहरवें घर में सूर्य हो तो सुबह 08 से 10तक, सूर्य ग्याहरवें घर में हो तो सुबह 10 से 12, सूर्य दसवे घर में हो तो दोपहर 12 से 2  बजे तक, सूर्य नवे घर में हो तो दोपहर 2 से 4 बजे तक, सूर्य आठवें घर में हो तो शाम 4 से 6 बजे तक, सूर्य सातवे घर में हो तो  शाम 6 से 8 बजे तक, सूर्य छठे घर में हो तो शाम 8 से 10 बजे तक , सूर्य पाँचवे घर में हो तो रात्रि 10 से 12 बजे तक, सूर्य चौथे घर में हो तो मध्य रात्रि 12 से 2 बजे तक, सूर्य तीसरे घर में हो तो रात्रि 2 से 4 बजे तक  और सूर्य दूसरे घर में हो तो सुबह 4 से 6 बजे के आसपास का समय समझना चाहिए। ( कोई लग्न छोटा बडा होता है ईस लिऐ कभी कभी आगे पिछे होता है उसका ध्यान रखे ) अगर सूर्य मेष राशि में हो तो 14 अप्रेल से 13 मई के मध्य, सूर्य वर्षभ राशि में हो तो 14 मई से 13 जून तक, सूर्य मिथुन राशि में हो तो 14 जून से 13 जुलाई के मध्य, सूर्य  कर्क राशि में हो तो 14 जुलाई से 13 अगस्त के मध्य, सूर्य सिंह राशि

कुंडली मे विवाह

कुंडली में विवाह , प्रेम विवाह ,  विवाह के उपरांत झगड़े, कलंक  तथा अनैतिक संबंध  के योग  ( (  भाग - 3) ) ..............................................................  पिछले भाग में मैंने राहु और केतु का वर्णन नहीं किया था l  राहु अचानक शादी का योग बनाता है और अचानक से ही करवा देता है l  लेकिन पत्नी अच्छी नहीं मिलती है l पत्नी शक्की स्वभाव की होती है l  एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने की वजह से शादी टूट भी सकती है l   वही केतु के वजह से जातक बिना सोचे समझे शादी कर बैठता है l  अचानक से कोई मिला बिना जानकारी के ही उससे शादी कर बैठता है बाद में उसे पछतावा भी होती है l .............................................................................  ऊंचे घराने में शादी के योग ....................................  सप्तम भाव में गुरु हो या सप्तम भाव गुरु से दृष्टि हो l  अगर व सप्तमेश के साथ भी अच्छी अवस्था में हो तो शादी अपने से ऊंचे खानदान में होती है l   (अगर लड़के का है तो लड़के का शादी अपने से ऊंचे परिवार में होगा l  अगर लड़की का है तो लड़की का शादी अपने से ऊंचे परिवार में होगा l  लड़की

कर्मो की दौलत

*|| 💥कर्मो की दौलत💥 ||* =================================================         *एक राजा था जिसने ने अपने राज्य में क्रूरता से बहुत सारा धन इकट्ठा करके( एक तरह का खजाना ) आबादी से बाहर जंगल में एक सुनसान जगह पर बनाए तहखाने मे सारे खजाने को खुफिया तौर पर छुपा दिया था!*                   *खजाने की सिर्फ दो चाबियां थी, एक चाबी राजा के पास और एक उसके खास मंत्री के पास थी! इन दोनों के अलावा किसी को भी उस खुफिया खजाने का राज मालूम ना था!*              *एक रोज़ किसी को बताए बगैर राजा अकेले अपने खजाने को देखने निकला !तहखाने का दरवाजा खोल कर अंदर दाखिल हो गया और अपने खजाने को देख देख कर खुश होकर खजाने की चमक से सुकून पा रहा था!*              *उसी वक्त मंत्री भी उस इलाके से निकला और उसने देखा की खजाने का दरवाजा खुला है! वो हैरान हो गया और ख्याल किया कि कही कल रात जब मैं खजाना देखने आया, तब शायद खजाना का दरवाजा खुला रह गया होगा!उसने डर के कारण जल्दी जल्दी खजाने का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और वहां से चला गया! उधर खजाने को निहारने के बाद राजा जब संतुष्ट हुआ और दरवाजे के पास आया तो ये क्या ...

राहू और केतू जीवों के संचित पाप कर्मों का ज्ञान करवाते हैं

राहू और केतू जीवों के संचित पाप कर्मों का ज्ञान करवाते हैं और जब सारी कुण्डली को बांध लेते हैं तो जीव को एहसास करवाते है की जो पाप कर्म पूर्व जन्म में किये हैं इस जन्म में उनमे सुधार किये जाए और योनिचक्र से मुक्ति प्राप्त हो ..... राहू-केतू के साथ गुरु - अपने ही अध्यापक, गुरु, ब्राह्मण से धोका किया राहू-केतू के साथ शुक्र - पत्नी, प्रेमिका, ब्याहता स्त्री से धोका किया राहू-केतू के साथ मंगल - सगे भाई, पक्के दोस्त से धोका किया राहू-केतू के साथ सूर्य - पिता, राजा का अपमान किया राहू-केतू के साथ चन्द्रमा - माँ, बुजुर्ग स्त्री को सताया होगा रह-केतू के साथ बुध - भ्रूण हत्या, बहु को सताया, बेटी को रुलाया, बहन के साथ धोका राहू-केतू के साथ शनि - मजदूर की मजदूरी रख ली और निर्धन को बेवजह सताया होगा जो आपके पाप कर्म बताये उसे भयावह कह कर बचने का प्रयास करना जीव का स्वभाव है, जैसे बिल्ली को देख कर कबूतर ऑंखें बन्द लेता है पर ऑंखें बन्द करने से बिल्ली के हमले से नही बच सकता, बचने के लिए तो उड़ान भरनी होगी न की मुसीबत को नकारना होगा उपाय ढूंढना होगा, राहू और केतू की तटस्थ शक्ति के पीछे शनिदेव का बल है औ

काढ़ा विधि

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#काढा_बनाने_की_सरल_विधि #मात्रा :- चार  लोगो के लिए काढ़े की सामग्री  #सामग्री :- १) जल 6 कप  २) काली मिर्च 5  ३) लौंग 5 ४) तुलसी पत्ता 5 ५) अदरक 1 इंच टुकडा ६) दालचीनी 1 इंच टुकडा ७) तेजपत्ता 1  ८) गिलोय 1 इंच टुकडा  ९) गुड या निंबु स्वाद अनुसार #विधि - एक बर्तन मे 6 कप पानी ले उसे गैस चूल्हे पर रख दे उसमे तुलसी पत्ते डाल दे जब पानी उबलने लगे तो तेजपत्ता, काली मिर्च,दालचीनी, लौंग डाल दे फिर गिलोय को कुटकर पानी मे डाले, फिर अदरक को कद्दुकस करके डाले अंत मे स्वाद के लिए निंबु या गुड डाल दे । अब इस काढे को तब तक उबाले जब तक की ये आधा न रह जाए फिर छन्नी या कपडे से कप मे छान ले और आराम से घुंट घुंट करके पिए । #कब_पिए :-  दिन मे तीन  बार एक-एक कप चाय जितना धीरे धीरे पिए । छोटे बच्चों को कम मात्रा में आधा कप ही दें ज्यादा छोटे बच्चों के लिए एक छोटी चम्मच जितना  #लाभ :- रोग प्रतिरोधक क्षमता ( इम्युनिटि ) बढेगी, सर्दी जुकाम, बुखार, सिरदर्द व अन्य रोगो की अचुक रामबाण दवा है । #चेतावनी :- अत्याधिक गर्मी पडने पर काढा कम ही पिए और ऊपर दी गई औषधीयो की मात्रा भी कम कर दे । जिन लोगों को काढ़ा पीने के

भोजन प्रकार

*#भोजन के प्रकार* *#भीष्म पितामह ने   गीता में अर्जुन को 4 प्रकार से भोजन करने के लिए  बताया था।*   👉🏿1) #पहला भोजन- जिस भोजन की थाली को कोई लांघ कर गया हो वह भोजन की थाली नाले में पड़े कीचड़ के समान होती है। 👉🏿2) #दूसरा भोजन- जिस भोजन की थाली में ठोकर लग गई ,पाव लग गया वह भोजन की थाली भिष्टा के समान होता है। 👉🏿3) #तीसरे प्रकार का भोजन -जिस भोजन की थाली में बाल पड़ा हो, केश पड़ा हो वह दरिद्रता के समान होता है। 👉🏿4)#चौथे नंबर का भोजन -अगर पति और पत्नी एक ही थाली में भोजन कर रहे हो तो वह मदिरा के तुल्य होता है। #विषेश सूचना --  और सुन अर्जुन-  बेटी अगर कुमारी हो और अपने पिता के साथ भोजन करती है एक ही थाली में ,, उस पिता की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती ,क्योंकि बेटी पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती है ।इसीलिए बेटी जब तक कुमारी रहे तो अपने पिता के साथ बैठकर भोजन करें। क्योंकि वह अपने पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती हैं।  *स्नान कब ओर केसे करे घर की समृद्धि बढाना हमारे हाथमे है* सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है। *1*  *मुनि स्नान।* जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है। . *2

भगवान कृष्ण अंतिम संस्कार

भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ा तो उनका अंतिम संस्कार किया गया , उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया लेकिन उनका हृदय बिलकुल सामान्य एक जिन्दा आदमी की तरह धड़क रहा था और वो बिलकुल सुरक्षित था , उनका हृदय आज तक सुरक्षित है जो भगवान् जगन्नाथ की काठ की मूर्ति के अंदर रहता है और उसी तरह धड़कता है , ये बात बहुत कम लोगो को पता है महाप्रभु का महा रहस्य सोने की झाड़ू से होती है सफाई...... महाप्रभु जगन्नाथ(श्री कृष्ण) को कलियुग का भगवान भी कहते है.... पुरी(उड़ीसा) में जग्गनाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निवास करते है... मगर रहस्य ऐसे है कि आजतक कोई न जान पाया हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है,उस समय पूरे पुरी शहर में ब्लैकआउट किया जाता है यानी पूरे शहर की लाइट बंद की जाती है। लाइट बंद होने के बाद मंदिर परिसर को crpf की सेना चारो तरफ से घेर लेती है...उस समय कोई भी मंदिर में नही जा सकता... मंदिर के अंदर घना अंधेरा रहता है...पुजारी की आँखों मे पट्टी बंधी होती है...पुजारी के हाथ मे दस्ताने होते है..वो पुरानी मूर्ती से "ब्रह्म पदार्थ" निकालता है और नई मूर्ती में

राम कथा

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एक प्रचलित लोककथा के अनुसार भगवान् राम जब चौदह वर्ष बाद अयोध्या लौटे तो सबसे पहले माता कैकेयी से मिलने गए। माता कैकेयी को राम के वापस लौटने पर अत्यंत ख़ुशी हुई, परन्तु एक दुःख उनको खाये जा रहा था। श्रीराम ने माता से उनके दुःख का कारण पूछा। कैकेयी ने श्रीराम से कहा कि संसार के कल्याण के लिए उन्होंने श्रीराम को वनवास भेजा, परन्तु इस कारण सारा संसार उन्हें कोसता है। माता कैकेयी ने अगले जन्म में श्रीराम की माता बनने का वरदान माँगा।  भगवान् विष्णु पहले ही माता पृश्नि/अदिति को उनकी कोख से जन्म लेने का वरदान दे चुके थे। इसीलिए अगले जन्म में कैकेयी ने माता यशोदा के रूप में जन्म लिया और भगवान् कृष्ण को जन्म दिए बिना ही उनकी माता होने का सौभाग्य प्राप्त किया। There is a popular story that when Shri Ram returned to Ayodhya after his fourteen years of exile, he went directly to meet Kaikeyi. Kaikeyi was very happy that Shri Ram has returned but she was also very sad inside. When Shri Ram asked her the reason for her sadness, she replied that although she sent Him on exile for the benefit of the wor

हस्त रेखा दर्शन

हस्तरेखा दर्शन नंबर के हिसाबसे देखो 1.शुक्र परवत से अेक रेखा ,जिवन रेखा की तरफ ग इ हुयी है,इसलिये,जातक के जिवन मे ,घरसे ही विकास हुआ है,ओर मदद मिली है 2.अेक भाग्यरेखा,हथेली के नीचे,केतु परवत से निकलकर उपर जा रही है,इसलिये,जातक ,पिता जो काम करते हो,उसका ही काम करनेवाला हुआ है 3.जिवन रेखा से रेखा निकली है,जो बुध की रेखा है,उससे मालुम होता है की जातक ,19 सालकी उम्रसे ही घरके धंधेमे,काम करना शुरु किया है 4.भाग्यरेखा,मस्तिष्क रेखा के नीचे,रुक ग इ है,इसलिये जातक का अच्छा भाग्य,35-36 साल की उम्र के बाद मे होगा 5.ये विद्या की रेखा छोटी है,इसलिये,कोलेज तक की पढाई किया नही है, 6. हाथ मे,अंगुठेके नीचे,धंधाकीय,प्रव्रुत्ति की 2  रेखाये,है,इसलिये,जातक नोकरी नही करके,धंधा ही करेगा 7.तिसरि अंगुली के नीचे,सूर्य परवत पर अेक छोटा त्रिकोन है ,इसलिये,जातक का काम,जमीन से,उत्पन्न,होनेवाली चिजो के व्यापार से लाभ लिखा है, इनका प्रोविजन स्टोर है 8.हाथ मे अेक रेखा,चंद्र परवत पर जा रही है ओर उपर की तरफ होनेसे,विदेश यात्रा का योग बना हुआ है 9.ये,शुक्र परवत पर,छोटि उपर जानेवाली रेखाये,3 भाई-बहन का सुख बता रहा है हा

हस्त रेखा दर्शन

हस्तरेखा दर्शन नंबर के हिसाबसे देखो 1.शुक्र परवत से अेक रेखा ,जिवन रेखा की तरफ ग इ हुयी है,इसलिये,जातक के जिवन मे ,घरसे ही विकास हुआ है,ओर मदद मिली है 2.अेक भाग्यरेखा,हथेली के नीचे,केतु परवत से निकलकर उपर जा रही है,इसलिये,जातक ,पिता जो काम करते हो,उसका ही काम करनेवाला हुआ है 3.जिवन रेखा से रेखा निकली है,जो बुध की रेखा है,उससे मालुम होता है की जातक ,19 सालकी उम्रसे ही घरके धंधेमे,काम करना शुरु किया है 4.भाग्यरेखा,मस्तिष्क रेखा के नीचे,रुक ग इ है,इसलिये जातक का अच्छा भाग्य,35-36 साल की उम्र के बाद मे होगा 5.ये विद्या की रेखा छोटी है,इसलिये,कोलेज तक की पढाई किया नही है, 6. हाथ मे,अंगुठेके नीचे,धंधाकीय,प्रव्रुत्ति की 2  रेखाये,है,इसलिये,जातक नोकरी नही करके,धंधा ही करेगा 7.तिसरि अंगुली के नीचे,सूर्य परवत पर अेक छोटा त्रिकोन है ,इसलिये,जातक का काम,जमीन से,उत्पन्न,होनेवाली चिजो के व्यापार से लाभ लिखा है, इनका प्रोविजन स्टोर है 8.हाथ मे अेक रेखा,चंद्र परवत पर जा रही है ओर उपर की तरफ होनेसे,विदेश यात्रा का योग बना हुआ है 9.ये,शुक्र परवत पर,छोटि उपर जानेवाली रेखाये,3 भाई-बहन का सुख बता रहा है हा