मंगल जागृत
मंगल जागृत नाड़ी ग्रंथ के अनुसार मंगल स्वयं से दशम भाव को 27 वे वर्ष में जागृत करता है । जैसे मंगल अगर चतुर्थ भाव में बैठे है तो 27 वे वर्ष में लग्न के कारक तत्व जागृत हो जायेंगे। लग्न से हम स्वयं को, किसी पद प्राप्ति या उन्नति को भी देखते है तो सूत्र के अनुसार जब 27वा वर्ष चालू होगा तब कार्यक्षेत्र में उन्नति के योग बनेंगे। मंगल अगर पंचम भाव में बैठे है तो 27वे वर्ष में धन लाभ की स्तिथि बनेगी और वो कार्यक्षेत्र में उन्नति के कारण आएगी। मंगल अगर 6th भाव में बैठे है तो 27वे वर्ष में जगह बदलकर दूसरी जगह सेटल हो सकते है या मेहनत बहुत ज्यादा करनी पड़े ऐसा भी हो सकता है। मंगल अगर 7th भाव में बैठे तो 27वे वर्ष में नया घर , सुख सुविधा में वृद्धि , विवाह की स्तिथि भी बन सकती है क्योंकि सप्तम भाव चतुर्थ से चतुर्थ भी होता है। मंगल अगर 8th भाव में है तो पूर्व जन्म के पाप या पुण्य का फल मिलना आरंभ हो जायेगा। अगर विवाह हो चुका है तो संतान प्राप्ति की स्तिथि भी बनेगी। सुख सुविधा में वृद्धि के योग भी बनेंगे। मंगल अगर 9th भाव में है तो 27वे वर्ष में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा पार्टनरशि